The smart Trick of sidh kunjika That No One is Discussing
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक click here शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ